Wednesday, 13 June 2018

अस्त ग्रह



क्या आपने अस्त ग्रह के बारे में सुना है? अगर सुना भी है तो आपके मन में अनेक भ्रांति होगी। आज हम आपकी इन भ्रांतियों को दूर करेंगे।

आइए जानते हैं अस्त ग्रहों के बारे में -

क्या होते हैं अस्त ग्रह - 

जब कोई ग्रह सूर्य से एक निश्चित दूरी पर स्थित होता है तब वह ग्रह अस्त माना जाता है। इसमें प्रत्येक ग्रह की दूरी निश्चित है। चन्द्र 12 अंश, मंगल 17 अंश, बुध 13 अंश, बृहस्पति 11 अंश, शुक्र 9 अंश, शनि 15 अंश की दूरी तक यदि सूर्य के निकट हो तो सूर्य इन्हें अस्त कर देता है।

क्या अस्त ग्रह प्रभावहीन हैं-

सामान्य रूप से अस्त ग्रहों को प्रभावहीन माना जाता है परन्तु ऐसा नहीं है। ये प्रभाव कम देते हैं परन्तु प्रभावहीन नहीं होते। यह अपनी दशाओं में पूर्ण रूप से प्रभावी होते हैं। यहाँ दशा का अर्थ महादशा से प्राणदशा तक है।


क्या आपका लग्नेश अथवा भाग्येश अस्त है -

कुछ व्यक्ति मानते हैं कि यदि आपके कारक ग्रह अस्त हों तो यह नुकसानदेह है,परंतु ऐसा नहीं है। यदि लग्नेश सूर्य के साथ आता है और यह अस्त हो जाता है तो यह एक उच्च कोटि का राजयोग है।

विशेष - राहु-केतु छाया ग्रह हैं अतः ये सूर्य के साथ आने पर अस्त नहीं होते बल्कि सूर्य को ग्रहण लगाा देते हैं।

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

धन्यवाद।। 

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