Sunday, 10 June 2018

क्यों नहीं मिल रहा है राजयोग का फल,लाभ लेने के लिए क्या करें? भाग 2




हमने पिछले लेख में जाना कि क्यों आपको राजयोग का लाभ नहीं मिल रहा है। इस लेख में हम राजयोगों का लाभ उठाने के लिए क्या करें, यह जानेंगे।

यह लेख समझने के लिए आपको सर्वप्रथम हमारा इसका प्रथम भाग अवश्य देखें - https://arastrology.blogspot.com/2018/06/1.html?

आइए जानते हैं आप राजयोगों का लाभ उठाने के लिए क्या करें -

1. सर्वप्रथम आपको अपने लग्न और लग्नेश को बली बनाएं। लग्नेश और लग्न को बली बनाने के लिए आप उस लग्नेश का रत्न धारण कर सकते हैं परन्तु कुछ परिस्थितियों में ग्रह का रत्न धारण नहीं किया जा सकता जैसे यदि लग्नेश 6,8,12 भाव में है। इस परिस्थिति में आप उन ग्रहों के रत्न नहीं बल्कि उनकी धातुओं को धारण करें।

सभी ग्रहों की धातुएं -

1. सूर्य - तांबा अथवा सोना, अनामिका में।
2. चंद्र - चांदी, कनिष्ठा में।
3. मंगल - तांबा, तर्जनी अथवा कनिष्ठा में।
4. बुध -  कांसा, कनिष्ठा में।
5. गुरु - सोना, तर्जनी में।
6. शुक्र - चांदी, तर्जनी में।
7. शनि - लोहा, मध्यमा में।
8. राहु - केतु - अष्टधातु, मध्यमा में।

अगर आप नहीं जानते हैं कि आपको कौनसी धातु धारण करनी है तो -

1. आप कनिष्ठा में चांदी धारण करें।







कुछ सरल नियम है -  

1. लग्नेश के अधिपति की आराधना अवश्य करें।
2. भगवान शंकर को जल अर्पित करें।
3. भगवान सूर्य की आराधना अवश्य करें।

अगर आपकी कुंडली में एक ग्रह जो लग्नेश है अथवा कारक ग्रह है जो कम से कम दो राजयोग का निर्माण करता है और यदि लग्नेश एक भी निर्माण राजयोग का निर्माण करता है तो उसका रत्न धारण करने से आपको लाभ मिल सकता है।  


आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। 

धन्यवाद। 

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