पिछले लेख में हमने ग्रहों की दृष्टियों के बारे में चर्चा की। इस लेख में हम इन नवग्रहों की उच्च राशि के बारे में बतायेंगे।
जैसा कि हम अपने एक लेख में जान चुके हैं कि प्रत्येक भाव 30 अंश का होता है। आपके जन्म समय पर ग्रह किसी विशेष अंश एवं राशि में होता है।
यदि आपकी कुंडली में ग्रह निम्न लिखित राशियों में एक निश्चित अंश सीमा तक है तो आपके वह ग्रह उच्च का कहलायेगा।
आइए जानते हैं इन नवग्रहों की उच्च राशि के बारे में -
1. सूर्य मेष राशि में 10 अंश तक उच्च का होता है।
2. चंद्र मात्र 3 अंश तक वृषभ राशि में उच्च का होता है।
3. इसी प्रकार मंगल मकर राशि में 28 अंश तक, बुध कन्या राशि में 15 अंश तक, बृहस्पति कर्क राशि में 5 अंश तक, शुक्र मीन राशि में 27 अंश तक और शनि 20 अंश तक तुला राशि में उच्च का होता है।
4. राहु-केतु की उच्च राशि के बारे में कई मत हैं। सामान्यतः राहु मिथुन राशि में तथा केतु धनु राशि में 15 अंश तक उच्च के माने जाते हैं।
2. चंद्र मात्र 3 अंश तक वृषभ राशि में उच्च का होता है।
3. इसी प्रकार मंगल मकर राशि में 28 अंश तक, बुध कन्या राशि में 15 अंश तक, बृहस्पति कर्क राशि में 5 अंश तक, शुक्र मीन राशि में 27 अंश तक और शनि 20 अंश तक तुला राशि में उच्च का होता है।
4. राहु-केतु की उच्च राशि के बारे में कई मत हैं। सामान्यतः राहु मिथुन राशि में तथा केतु धनु राशि में 15 अंश तक उच्च के माने जाते हैं।
उच्च के ग्रह सर्वोच्च बली होते हैं। ये कुंडली में सर्वाधिक फलदायी होते हैं। ये सामान्यतः अपनी महादशा, अन्तर्दशा में विशेष फल देने वाले होते हैं।
यदि आप का कोई कारक ग्रह उच्च का हो तो यह आपको अत्यंत विशिष्ट फलदायी होता है। यह आपको प्रत्येक स्थिति में सफलता दिलाने की क्षमता रखता है।
क्या आप का भी कोई कारक ग्रह उच्च का है? अपने कारक ग्रहों को जानने के लिए हमारा कारक ग्रह का लेख देखें।
आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।
अगले लेख में हम इन नवग्रहों की नीच राशि के बारे में जानेंगे।
धन्यवाद।
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