पिछले लेख में जाना कि किसी भाव की भविष्यवाणी कैसे बताई जाती है यदि उस भाव में कोई ग्रह स्थित हो अथवा न हो।
आज हम आपको उस समय भाव की भविष्यवाणी करना बतायेंगे जब कोई ग्रह किसी भाव पर दृष्टि डाल रहा हो।
आइए जानते हैं ग्रहों की दृष्टि के बारे में -
आइए जानते हैं ग्रहों की दृष्टि के बारे में -
1. सभी ग्रह अपने से सप्तम भाव को देखते हैं। जैसे यदि कोई ग्रह लग्न में हो तो वह सप्तम भाव को देखेगा। आप भावों की गणना करने के लिए हमारा कुंडली देखना सीखें का प्रथम भाग देख सकते हैं।
2. कुछ ग्रहों को विशेष दृष्टियां प्राप्त है, जो एक से अधिक भावों को देखते हैं।
- मंगल अपने से चतुर्थ, सप्तम और अष्टम भाव को देखता है।
- शनि अपने से तृतीय, सप्तम और दशम भाव को देखता है।
- बृहस्पति अपने से पंचम, सप्तम और नवम भाव को देखता है।
- राहु-केतु की दृष्टि भी बृहस्पति के समान ही होती है अर्थात वे भी अपने स्थान से पंचम, सप्तम और नवम भाव को देखते हैं।
- मंगल अपने से चतुर्थ, सप्तम और अष्टम भाव को देखता है।
- शनि अपने से तृतीय, सप्तम और दशम भाव को देखता है।
- बृहस्पति अपने से पंचम, सप्तम और नवम भाव को देखता है।
- राहु-केतु की दृष्टि भी बृहस्पति के समान ही होती है अर्थात वे भी अपने स्थान से पंचम, सप्तम और नवम भाव को देखते हैं।
अब आप आसानी से भाव पर ग्रहों की दृष्टियां देख सकते हैं और हमारे पिछले लेख के नियम की सहायता से किसी भी भाव की भविष्यवाणी कर सकते हैं।
आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।
धन्यवाद।
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