क्या आपकी कुंडली में बन रहा है लक्ष्मी योग ? क्या आप भी होंगे कभी धनवान ?
आइए चर्चा प्रारम्भ करते हैं -
कब घटित होता है यह राजयोग -
केन्द्रे मूलत्रिकोणस्थे भाग्येशे परमोच्चयगे।
लग्नाधिपे बलाढ्ये च लक्ष्मी योग इतीरिति।।
अर्थात् भाग्येश केन्द्र में अथवा त्रिकोण में उच्च का स्थित हो और लग्नेश भी बली हो तो लक्ष्मी योग बनता है।
राजयोग के लाभ -
सुरूपो गुणवान् भूपो बहुपुत्रोधनान्वितः।
यशस्वी धर्मसम्पन्नो लक्ष्मी योगे जने भवेत्।।
अर्थात् लक्ष्मी योग में उत्पन्न जातक सुरूप, गुणवान, राजा, बहुत पुत्रों से युक्त,यशस्वी, धर्म सम्पन्न होता है।
आइए जानते हैं एक उदाहरण से -
दर्शाई गई कुंडली में लग्नेश मंगल बनते हैं जो कि उच्च राशि के साथ- साथ दिग्बली भी हैं और दशमस्थ हैं। कुंडली के भाग्येश बनते हैं बृहस्पति जो उच्च के होकर चतुर्थ भाव में स्थित है।
अतः लक्ष्मी योग की स्थिति यहाँ बन रही है।
क्या आपके भाग्येश उच्च राशि में है -
जानने के लिए उच्च राशि देखें - https://arastrology.blogspot.com/2018/05/5.html?m=1
आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।
धन्यवाद।।
No comments:
Post a Comment