Saturday, 16 June 2018

इन ग्रहों का यहाँ बैठना ही राजयोग है



कुछ ग्रह यदि कुंडली में एक निश्चित स्थान पर होते हैं तो वे उस कुंडली के जातक को लाभ देते हैं। इन ग्रहों का यहाँ बैठना ही अपने आप में राजयोग है।
आइए जानते हैं कि कौनसे ग्रह कहाँ अत्यंत शुभ फलदायी होते हैं -

1. सूर्य -
         सूर्य यदि किसी जातक की कुंडली में प्रथम अर्थात् लग्न, नवम अथवा दशम भाव में स्थित है तो यह सूर्य अत्यंत ही लाभदायक हो सकता है। लग्न, नवम और दशम भाव में सूर्य कारक माना जाता है। जब लग्नगत सूर्य हो तो वह जातक को महापराक्रमी राजा के समान बना देता है। माना जाता है कि रावण के लग्न में ही सूर्य सिंह राशि में स्थित था। नवमस्थ सूर्य व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि करता है। केवल सूर्य के नवमस्थ होने से ही व्यक्ति महाभाग्यशाली कहलाता है। दशमभाव गत सूर्य व्यक्ति को राजपद दिलाने में अकेला ही समर्थ होता है। यदि सूर्य दशमभाव से किसी भी प्रकार का संबंध बना ले तो व्यक्ति को राजकार्य तक पहुंचाने के लिए काफ़ी है।




   2. चन्द्र -
           ऐसी बहुत ही कम कुुंडलियाँ होती है जिसमेंं चन्द्र पीड़ित न हो। इस कारण ही शिवजी की पूजा प्रत्येक व्यक्ति को करने की सलाह दी जाती है। चंद्र जब लग्न से चतुर्थ भाव अथवा दशम भाव में हो तो यह चन्द्र की अनुुकूल स्थितियों में से एक है। परन्तु वह अकेला नहीं होना चाहिए। जब चन्द्र चतुर्थ भावगत होता है तो वह व्यक्ति को सुख समृद्धि देने वााला होता है परन्तु यह उस समय नुकसानदेह हो सकता है जब चन्द्र पीड़ित हो। इस समय व्यक्ति को सुख तो मिलता है पर वह उसेे खराब मान लेता है। जब चन्द्र दशमस्थ होता है तो वह अपनी सोलह कलाओं के कारण जातक को सभी कलाओं में कुशल बनाता है। परन्तु यदि चन्द्र पीड़ित है तो कार्य क्षेत्र में भटकाव ला देता है।


  3. मंगल -
            मंगल जब लग्न, षष्ठ अथवा दशम भाव में हो तो यह भी राजयोग के समान फल देेने वाला होता है। लग्न गत और दशम भाव गत मंगल व्यक्ति को राज कार्यों में ले जाता है। षष्ठ भाव गत मंगल के अनेक लाभ हैं तो नुकसान भी है परन्तु यह यहाँ विशेष रूप से कारक होता है। षष्ट भाव में स्थित मंगल व्यक्ति को शत्रुहन्ता बनाता है। परन्तु यह मामा पक्ष के लिए नुुकसानदेह होता है। षष्ट भाव गत मंंगल का जातक का किसी पर क्रोध करना दूूसरे के लिए नुकसानदेह हो सकता है।


 4. बुध -
         बुध यदि लग्न से किसी भी केन्द्र में स्थित हो तो यह बुध की काफी अच्छी स्थिति है। जब बुध लग्नगत होता है तो वह जातक को तीक्ष्ण बुुद्धि बनाता है। इसके अतिरिक्त बुुध का चतुर्थ भाव में होना भी अपने आप में ही राजयोग है। बुध जब द्वितीय भाव में स्थित होताा है तो वह व्यक्ति प्रसिद्ध नेता, वक्ता, गायक और अभिनेता बन सकताा है। परन्तु यदि बुध के कई लाभ हैं तो नुकसान भी। हम इस पर अगामी किसी लेख में बतायेंगे।




5. बृहस्पति - 
               जब बृहस्पति किसी भी केंद्र में स्थित होता है तो वह कुंडली के समस्त दोषों को मिटाने के लिए अकेला ही समर्थ होता है। इसके अतिरिक्त जब बृहस्पति षष्ठ भाव में स्थित होता है तो यह अत्यंत श्रेष्ठ स्थिति है। बृहस्पति षष्ठ भाव में महान नायक अमिताभ बच्चन, विराट कोहली जैसे महान व्यक्तियों की कुंडली में देखने को मिला है। 




 6. शुक्र -  
         शुक्र विशेेषतया जब द्वादश भाव में स्थित हो तो यह बहुत ही अच्छी स्थिति है। बाहरवाँ भाव भोग का भाव होता है तथा शुक्र भोग का ही कारक है अतः शुक्र का इस भाव में बैठना व्यक्ति को अतुलित संपदा दे सकता है। शुक्र यदि किसी भी केेंद्र में स्थित है तो यह भी अत्यंत श्रेष्ठ होता है विशेष रुप से जब शुक्र सप्तम भाव गत हो परन्तु अकेला नहीं होना चाहिए।

शेष ग्रहों की चर्चा हम अगले लेख में करेंगे। 

साधारणत यहाँ ग्रहों के जिन जिन भावों का उल्लेख किया गया है वे वहाँ पर अकेले होने पर कुछ नुकसान देते हैं। 

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।  

धन्यवाद।। 

Thursday, 14 June 2018

सूर्य का मिथुन में गोचर - इन राशियों को मिलेगा लाभ



ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। जिसके केवल सूर्य अकेला ही कुंडली में अच्छा हो वह उस जातक को कभी कष्ट नहीं होने देता। बड़ी बड़ी हस्तियों की कुंडली में सूर्य स्वराशि अथवा उच्च का ही पाया जाता है। यह उनकी सफलता के लिए एक कारण है। 

सूर्य स्वयं राजा है और जिसके ऊपर इनकी कृपा कटाक्ष होती है वे उसे भी राजा के समान बना देते हैं। यही कारण है कि आपको अर्घ्य देने के लिए कहा जाता है, ताकि आप भी उनके कृपा पात्र बन सकें। नहीं तो प्रत्येक व्यक्ति को अन्य ग्रहों की पूजा नहीं बताई जाती। 

सूर्य 15 जून को मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इस गोचर से जिन राशियों को लाभ मिलता हुआ प्रतीत हो रहा है हम उनका वर्णन कर रहे हैं। परन्तु इसके लिए सूर्य की आपकी जन्म कुंडली में स्थिति काफी प्रभावित करेगी। परन्तु इन राशियों को लाभ अनुभव होने की पूर्ण संभावना है।  

आइए जानते हैं कि किन राशियों को इस गोचर से लाभ मिलेगा -  




1. मेष राशि -  
              सूर्य के इस गोचर से मेष राशि के जातकों को भरपूर लाभ मिलने की संभावना है। मेष राशि के जातकों का प्रत्येक किया गया कार्य सफल होगा। भाग्य का भरपूर फायदा मिलेगा। नया उद्यम शुरू करने के लिए अनुकूल समय है। विद्यार्थियों के लिए  यह गोचर शुभ संकेत दे रहा है, उन्हें भी सफलता मिलने की पूर्ण संभावना है। किसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए भी गोचर शुभ संकेत दे रहा है सफलता मिल सकती है। 





2. सिंह राशि - 
                 सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य का यह गोचर शुभ फलदायी है। आपकी प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती है। आपको भी यदि किसी नए कार्य को प्रारम्भ करना है तो यह उत्तम समय है।विद्यार्थियों के लिए भी यह बहुत ही शुभ फल देने वाला है। आपको बड़े स्तर के अधिकारी के लिए अवश्य आवेदन करना चाहिए आपके सफल होने की संभावना है।






3. कन्या राशि - 
                 इन राशियों में से सर्वाधिक लाभ कन्या राशि के जातकों को होगा। आपको प्रत्येक वस्तु के मिलनके  योग बन रहे हैं। दशम भाव से गोचर करता हुआ सूर्य आपको बड़ा पद दिलाने वालाा है। आपका ओहदा बड सकता है। प्रत्येक स्थान में सम्मान मिलेगा। जमीन जायदाद मिलने के योग बन रहे हैं। सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवकों को भी लाभ मिल सकता है।




 
4. मकर राशि - 
                मकर राशि के जातकों के लिए भी सूर्य का यह गोचर शुभ फलदायी है। आपको भी प्रत्येक कार्य में सफलता मिल सकती है। आपके शत्रु पराजित होंगे और आप इस गोचरकाल में स्वस्थ रह सकते हैं। परंतु आपको कई बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि कुछ दिन विशेष रूप से कटु वाक्यों का प्रयोग न करें और चर्म रोग होने की संभावना है अतः लापरवाही न बरतें।





सूर्य देव को ज्योतिष शास्त्र में पिता का स्थान प्राप्त है और पिता कभी भी नुकसान नहीं करता अतः भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। सूर्य को अर्घ्य अवश्य रुप से देना चाहिए।


आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

धन्यवाद।



Wednesday, 13 June 2018

अस्त ग्रह



क्या आपने अस्त ग्रह के बारे में सुना है? अगर सुना भी है तो आपके मन में अनेक भ्रांति होगी। आज हम आपकी इन भ्रांतियों को दूर करेंगे।

आइए जानते हैं अस्त ग्रहों के बारे में -

क्या होते हैं अस्त ग्रह - 

जब कोई ग्रह सूर्य से एक निश्चित दूरी पर स्थित होता है तब वह ग्रह अस्त माना जाता है। इसमें प्रत्येक ग्रह की दूरी निश्चित है। चन्द्र 12 अंश, मंगल 17 अंश, बुध 13 अंश, बृहस्पति 11 अंश, शुक्र 9 अंश, शनि 15 अंश की दूरी तक यदि सूर्य के निकट हो तो सूर्य इन्हें अस्त कर देता है।

क्या अस्त ग्रह प्रभावहीन हैं-

सामान्य रूप से अस्त ग्रहों को प्रभावहीन माना जाता है परन्तु ऐसा नहीं है। ये प्रभाव कम देते हैं परन्तु प्रभावहीन नहीं होते। यह अपनी दशाओं में पूर्ण रूप से प्रभावी होते हैं। यहाँ दशा का अर्थ महादशा से प्राणदशा तक है।


क्या आपका लग्नेश अथवा भाग्येश अस्त है -

कुछ व्यक्ति मानते हैं कि यदि आपके कारक ग्रह अस्त हों तो यह नुकसानदेह है,परंतु ऐसा नहीं है। यदि लग्नेश सूर्य के साथ आता है और यह अस्त हो जाता है तो यह एक उच्च कोटि का राजयोग है।

विशेष - राहु-केतु छाया ग्रह हैं अतः ये सूर्य के साथ आने पर अस्त नहीं होते बल्कि सूर्य को ग्रहण लगाा देते हैं।

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

धन्यवाद।। 

Monday, 11 June 2018

बुध का राशि परिवर्तन - इन छह राशियों पर होगी धन वर्षा
















बुध दिनांक 10 जून 2018 को मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। गोचर के आधार पर ये राशियाँ इसके लाभ का अनुभव कर सकती है।  


आइए जानते हैं वे कौनसी राशियाँ है जिनके फायदा होने की संभावना है -





वृषभ राशि - 
             बुध का  यह राशि परिवर्तन वृषभ राशि के जातकों के लिए खुशियों  की सौगात लाने वाला है।वृषभ राशि के जातकों को इस गोचर धन लाभ की संभावना है।आपका कुटुंब में मान सम्मान बढेेगा। विद्यार्थियों को भी सफलता मिलने की उम्मीद है। वह प्रत्येक व्यक्ति जो कला क्षेत्र में है उसे भी फायदा होगा।






सिंह राशि - 
             सिंह राशि के लिए भी बुध का गोचर फायदेेमंद साबित हो सकता है। बुध इस रााशि के जातकों की प्रत्येक मनोकामनाएं पूर्ण कर सकता है। आय के साधनों में वृृृद्धि की भी संंभावना है। अपने बडों का भी पूरा सहयोग मिलेगा। धन लाभ की स्थिति भी बन रही है।







कन्या राशि - 
            इस गोचर से कन्या राशि का स्वामी बुध स्वराशि का दशम भाव से गोचर करेगाा, जो कि कन्या राशि के जातकों के लिए अत्यंत ही शुभ फलदायी है।  कन्या राशि के जातकों को अपने कार्य क्षेत्र में सफलता मिलेगी और आपकी बुद्धि इस काल में आपका पूरा सहयोग करेगी, आपको लाभ मिलनेे की प्रबल संभावना है।









वृश्चिक राशि - 
              वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी यह गोचर शुुभ साबित हो सकता है। बुध इस काल में इन्हें भरपूर धन लाभ देगा। इनकी वाणी मेंं निखार आएगा और ये अपनी वाणी की सहायता से सभी कार्यों को करवाने मेंं सफल रहेंगे।






मकर राशि - 
             मकर राशि में षष्ठ भाव से गोचर करता बुध इस राशि के जातकों को भी शुभ परिणाम देगा। आपके प्रत्येक काम बनते चले जायेंगे। भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। चर्म रोग होने की संभावना है।







  

मीन राशि -
            मीन राशि के अनुसार चतुर्थ भाव से गोचर करता बुध इन्हें सुख प्रदान  करने वाला है। जमीन जायदाद में लाभ की संभावना है।माता का भरपूर साथ मिलेगा। वैवाहिक जीवन में भी सुखद अनुभूति होगी।




यह गोचर फल केवल चंद्र कुंडली के अनुसार है। लग्न कुंडली और इसमें बुध की स्थिति इसे पूर्ण रूप से प्रभावित करेगी । 

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

धन्यवाद।। 

Sunday, 10 June 2018

क्यों नहीं मिल रहा है राजयोग का फल,लाभ लेने के लिए क्या करें? भाग 2




हमने पिछले लेख में जाना कि क्यों आपको राजयोग का लाभ नहीं मिल रहा है। इस लेख में हम राजयोगों का लाभ उठाने के लिए क्या करें, यह जानेंगे।

यह लेख समझने के लिए आपको सर्वप्रथम हमारा इसका प्रथम भाग अवश्य देखें - https://arastrology.blogspot.com/2018/06/1.html?

आइए जानते हैं आप राजयोगों का लाभ उठाने के लिए क्या करें -

1. सर्वप्रथम आपको अपने लग्न और लग्नेश को बली बनाएं। लग्नेश और लग्न को बली बनाने के लिए आप उस लग्नेश का रत्न धारण कर सकते हैं परन्तु कुछ परिस्थितियों में ग्रह का रत्न धारण नहीं किया जा सकता जैसे यदि लग्नेश 6,8,12 भाव में है। इस परिस्थिति में आप उन ग्रहों के रत्न नहीं बल्कि उनकी धातुओं को धारण करें।

सभी ग्रहों की धातुएं -

1. सूर्य - तांबा अथवा सोना, अनामिका में।
2. चंद्र - चांदी, कनिष्ठा में।
3. मंगल - तांबा, तर्जनी अथवा कनिष्ठा में।
4. बुध -  कांसा, कनिष्ठा में।
5. गुरु - सोना, तर्जनी में।
6. शुक्र - चांदी, तर्जनी में।
7. शनि - लोहा, मध्यमा में।
8. राहु - केतु - अष्टधातु, मध्यमा में।

अगर आप नहीं जानते हैं कि आपको कौनसी धातु धारण करनी है तो -

1. आप कनिष्ठा में चांदी धारण करें।







कुछ सरल नियम है -  

1. लग्नेश के अधिपति की आराधना अवश्य करें।
2. भगवान शंकर को जल अर्पित करें।
3. भगवान सूर्य की आराधना अवश्य करें।

अगर आपकी कुंडली में एक ग्रह जो लग्नेश है अथवा कारक ग्रह है जो कम से कम दो राजयोग का निर्माण करता है और यदि लग्नेश एक भी निर्माण राजयोग का निर्माण करता है तो उसका रत्न धारण करने से आपको लाभ मिल सकता है।  


आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। 

धन्यवाद। 

Saturday, 9 June 2018

क्यों नहीं मिल रहा है राजयोग का फल, प्राप्त करने के लिए क्या करें? भाग 1



क्या आपकी कुंडली में अनेक राजयोग हैं? क्या आप को इनका लाभ मिल रहा है? अगर नहीं तो यह लेख आपके लिए विशेष रूप से है।

कई बार लोगों के अनेक राजयोग होते हैं परन्तु वह फिर भी वह अपने जीवन में किसी भी प्रकार की सफलता प्राप्त नहीं कर पाता।ऐसा क्यों होता है?

ऐसा होने के कई कारण हैं - 

1. लग्नेश का बली न होना।
2. लग्नेश वक्री होना।
3. लग्नेश पर राहु अथवा शनि की दृष्टि अथवा युति होना और विशेषतः उस समय जब लग्नेश इनका शत्रु हो।
4. लग्नेश नीच अथवा शत्रु राशि में होना।
5. राजयोगकारी ग्रह का नीच गामी होना।
6. सबसे महत्वपूर्ण है कि सूर्य और चंद्र का पीड़ित होना।

ऐसा क्यों होता है कि आपको लाभ नहीं मिलता -

1. लग्नेश पर प्रभाव - लग्नेश स्वयं आपको ही निरूपित करता है।जब लग्नेश में ही दोष है( अर्थात ऊपर दिए गए बिन्दुओं में लग्नेश से संबंधित दोष) अतः आपका स्वभाव ही आपको आगे बढने से रोक देता है ।
2. चंद्र और सूर्य का पीड़ित होना - चन्द्रमा मन का कारक है। अब यदि आपका मन ही स्थिर नहीं है तो आप सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं । सूर्य आत्मविश्वास का कारक होता है  यदि आत्मविश्वास ही नहीं है तो आप किसी भी सफलता के योग्य नहीं बन सकते। 

आगे के लेख में हम इन राजयोगों का फायदा लेने के लिए क्या करें , इसके बारे में बताएंगे। 

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। 

धन्यवाद।। 



Friday, 8 June 2018

शुक्र बदलेंगे राशि - क्या होगा आपकी राशि पर प्रभाव



शुक्र दिनांक 9 जून 2018 को मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिसका आपकी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा आइए जानते हैं - 




मेष राशि -
           मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर सभी ऐश्वर्यों को प्रदान करने वाला है। जमीन, वाहन को प्राप्त कर सकते हैं। माता के स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा। वैवाहिक जीवन में भी खुशियाँ आ सकती है। धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। यह गोचर आपके लिए अनुकूल रह सकता है ।







वृषभ राशि -
           वृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर शुभ संकेत देेता प्रतीत हो रहा है। आप जिस भी क्षेत्र में प्रयास करेंगे सफलता मिलने की पूर्ण संभावना है। यह आपको जमीन जायदाद दिलाने के पूर्ण योग बना रहा है।








मिथुन राशि -
               मिथुन राशि से जातकों के लिए धन लाभ की प्रबल संभावना है। विद्यार्थियों के लिए यह बहुत ही शुभ संकेत है। विद्यार्थियों को सफलता मिल सकती है। धन व्यय के योग हैं अतः सोच समझकर व्यय करें।







कर्क राशि -
           कर्क राशि के  जातकों के लिए कुछ सावधानी रखने की आवश्यकता है। भावनाओं में आकर कोई निर्णय नहीं लें। गलत कामों को करने से बचें। भगवान शिव की पूजा करेंं।









सिंह राशि - 
           सिंह राशि के लिए यह गोचर शुभ फलदायी और सभी सुुख सुविधाओं को प्रदान करने वाला है। व्यय बढेेगा परन्तु यह केवल सुख सुविधाओं के लिए ही होगा।







कन्या राशि - 
            कन्या राशि के जातकों के लिए यह गोचर खुशियों की सौगात साबित हो सकता है। आपकी प्रत्येक मनोकामना पूर्ण हो सकती है। आय में वृद्धि होगी और भाग्य का पूर्ण सहयोग मिलेगा।








तुला राशि - 
           तुला राशि के जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति की पूर्ण संभावना है। जमीन जायदाद के मामले में भी फाायद होने की संभावना है। मन में कुुुछ अशांति रह सकती है। मां दुर्गा की आराधना करें।










वृश्चिक राशि - 
              वृश्चिक राशि के जातकों के लिए भी भाग्य में वृद्धि का कारण यह गोचर बन सकता है, लेकिन मेहनत करनी होगी। सभी सुुख सुविधाओं का भोग प्राप्ति के योग बन रहे हैं। कुछ अशांति भी घेर सकती है।







धनु राशि - 
          धनु राशि के जातकों के लिए धन मिलने की उम्मीद है। रोग में वृद्धि हो सकती है अतः सावधानी बरतें। मनोकामनाएं पूर्ण होने की संभावना है और
आय के मामले में भी यह शुभ संकेत है। आय के साधनों में वृद्धि हो सकती है ।







मकर राशि - 
         मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर पराक्रम में वृद्धि करेेगा और सफलता भी प्रााप्त होने की संभावना है। सभी सुख सुविधाओं का लाभ मिलेगाा। कार्य क्षेत्र में वृृद्धि के भी आसार हैं।








कुंभ राशि - 
            कुंभ राशि के  के लिए यह गोचर सावधानी का संकेत दे रहा है अतः स्ववास्थ्य के प्रति सावधानी बरतेंं। सभी सुख सुविधाओं का आनंंद मिलने की उम्मीद है। कार्य क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। कुल मिलाकर यह स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है।








मीन राशि - 
            मीन राशि के जातकों के अंदर कला क्षेत्र की ओर रुझान बढ सकता है। विद्यार्थियों का पढाई में मन कम लग सकता है। लाभ मिलने के आसार हैं। मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती है। यह गोचर अनुकूल है।

Tuesday, 5 June 2018

क्या आप बन सकते हैं एक प्रसिद्ध कलाकार - कलानिधि योग


क्या आप कोई कला के क्षेत्र जैसे अभिनय, गायन में जाना चाहते हैं? 

क्या आप विश्वप्रसिद्ध कलाकार बन सकते हैं? 

हम चर्चा कर रहे हैं कलानिधि योग की।

आइए जानते हैं कब घटित होता है यह राजयोग - 

द्वितीये पंचमे जीवे बुधशुक्रयुतेक्षिते। 
क्षेत्रे तवोर्या सम्प्राप्ते स्यात्स योग कलानिधे।।

अर्थात् द्वितीय, पंचम भाव में स्थित बृहस्पति का संबंध किसी प्रकार से बुध और शुक्र से हो तो यह राजयोग घटित होता है।

अगर आपके भी यह राजयोग घटित होता है तो आप भी विश्वप्रसिद्ध कलाकार बन सकते हैं।

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

धन्यवाद। 

Monday, 4 June 2018

लक्ष्मी योग - क्या आप बनेंगे धनवान



क्या आपकी कुंडली में बन रहा है लक्ष्मी योग ? क्या आप भी होंगे कभी धनवान ?

आइए चर्चा प्रारम्भ करते हैं -  

कब घटित होता है यह राजयोग -  

केन्द्रे मूलत्रिकोणस्थे भाग्येशे परमोच्चयगे।
लग्नाधिपे बलाढ्ये च लक्ष्मी योग इतीरिति।।

अर्थात् भाग्येश केन्द्र में अथवा त्रिकोण में उच्च का स्थित हो और लग्नेश भी बली हो तो लक्ष्मी योग बनता है।

राजयोग के लाभ -

सुरूपो गुणवान् भूपो बहुपुत्रोधनान्वितः।
यशस्वी धर्मसम्पन्नो लक्ष्मी योगे जने भवेत्।।   

अर्थात् लक्ष्मी योग में उत्पन्न जातक सुरूप, गुणवान, राजा, बहुत पुत्रों से युक्त,यशस्वी, धर्म सम्पन्न होता है।

आइए जानते हैं एक उदाहरण से -











दर्शाई गई कुंडली में लग्नेश मंगल बनते हैं जो कि उच्च राशि के साथ- साथ दिग्बली भी हैं और दशमस्थ हैं। कुंडली के भाग्येश बनते हैं बृहस्पति जो उच्च के होकर चतुर्थ भाव में स्थित है।

अतः लक्ष्मी योग की स्थिति यहाँ बन रही है।

क्या आपके भाग्येश उच्च राशि में है -  

जानने के लिए उच्च राशि देखें - https://arastrology.blogspot.com/2018/05/5.html?m=1

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।

धन्यवाद।। 

Sunday, 3 June 2018

किस व्यवसाय क्षेत्र में मिलेगी सफलता



वर्तमान समय में सभी इस बात को लेकर काफी भ्रमित रहते हैं कि क्या हम व्यापार करें अथवा नौकरी करें?
हम आपको आज इसी विषय पर बतायेंगे कि क्या आपको व्यापार में लाभ की संभावना है, यदि है तो कौन से व्यापार में। अगर नुकसान हो सकता है तो किस प्रकार से। उस नुकसान से बचने के लिए क्या करें।

आइए चर्चा प्रारम्भ करते हैं - 

व्यापार के योग-

अगर आप व्यापार करने के इच्छुक हैं तो सबसे पहले अपनी कुंडली में बुध की स्थिति को देखिए, यदि बुध लग्न से किसी प्रकार का संबंध बना ले तो यह अति उत्तम है।
अगर बुध का लग्न से सम्बंध नहीं हो और यदि बुध केन्द्र अथवा त्रिकोण में स्थित है यह भी व्यापार के लिए उत्तम योग है। उसके पश्चात सप्तम भाव में यदि शुभ ग्रह हो तो यह एक उत्तम व्यापारी के योग हैं।
बड़े व्यापारी बनने के लिए शनि की अच्छी स्थिति भी आवश्यक है। यदि शनि ग्यारहवें भाव से किसी प्रकार संबंध बना ले तो यह भी व्यापारी बनने का बहुत प्रबल उदाहरण है।
व्यापार के लिए दशमेश और सप्तमेश की स्थिति अत्यावश्यक है यदि ये केन्द्र अथवा त्रिकोण में स्थित है तो आप के लिए व्यापार करना सर्वथा उचित है।

नौकरी के योग - 

अगर दशमेश अथवा सप्तमेश में से कोई एक अथवा दोनों यदि षष्ठ, अष्ट अथवा बाहरवें भाव में हो तो यह व्यापार के लिए उचित स्थिति नहीं है।
परन्तु यदि दशमेश अथवा सप्तमेश पाप ग्रह हो और यदि षष्टमभावगत हो तो यह भी व्यापार के लिए उचित है। इसके अतिरिक्त यदि दशमेश अथवा सप्तमेश कोई राजयोग का निर्माण कर रहे हैं तो यह भी व्यापार के लिए उचित है।

किस क्षेत्र में सफलता मिलेगी - 

सफलता के लिए यदि पंचमेश, नवमेश अथवा लग्नेश की वस्तुओं से संबंधित व्यवसाय किया जाये तो यह उत्तम होगा परन्तु उनकी स्थिति को जानना भी आवश्यक है।

नुकसान की संभावना - 

व्यापार के लिए सामान्यतः कुछ लोग केवल बुध, सप्तमेश और दशमेश को ही देखते हैं। परन्तु यदि आपको एक प्रसिद्ध व्यापारी बनना है तो शनि की स्थिति भी इसमें अहम भूमिका निभाएगी क्योंकि शनि नौकरों का कारक है यदि नौकरों से व्यक्ति को नुकसान की संभावना होगी तो व्यापार कैसे हो सकता है?

इसके अतिरिक्त ग्रह दशा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

नुकसान से बचने के लिए क्या करें - 

इसके बारे में हम विस्तृत जानकारी अपने एक अन्य लेख में देंगे।

अगर आप भी अपने व्यवसाय के प्रति भ्रमित हैं तो आपके लिए यह लेख अतिविशिष्ट है। 

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। 

धन्यवाद।। 


Saturday, 2 June 2018

क्या आप होंगे विश्वप्रसिद्ध



क्या आप विश्वप्रसिद्ध बन सकते हैं? 

अगर आपके भी यह राजयोग घटित होता है तो आप भी विश्वप्रसिद्ध बन सकते हैं। 

हम चर्चा कर रहे हैं अमला कीर्ति योग की। 

आइए जानते हैं कब घटित होता है यह राजयोग - 

लग्नाद्वा चन्द्रलग्नाद्वा दशमेशुभसंयुते।
योगोऽयममला नाम कीर्तिराचन्द्रतारकी।। 

अर्थात् लग्न से अथवा चन्द्रलग्न से यदि दशम भाव में शुभ ग्रह स्थित हो तो यह राजयोग घटित होता है और इस राजयोग में जन्मे जातक का नाम चाँद, तारों के रहने तक रहता है।

विशेष - यह उस समय और अधिक प्रभावी हो जाता है जब चंद्र एवं लग्न दोनों में शुभ ग्रह स्थित हो। 


आइए  एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं - 

उदाहरण के अनुसार लग्न से दशम भाव में चंद्रमा स्थित है और दशमस्थ चंद्रमा से दशम में शुक्र स्थित है अतः यहाँ अमला योग घटित होता है। 

यदि आपकी कुंडली में यह राजयोग है तो आप भी विश्वप्रसिद्ध बन सकते हैं । 

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धन्यवाद ।। 

Friday, 1 June 2018

है यदि यह राजयोग तो सफल हो सकते हैं बिजनेस में



यह राजयोग बिल गेट्स जैसे महान् बिजनेसमैन की कुंडली में देखने को मिलते है। क्या आप के भी यह राजयोग घटित होता है?

हम बात कर रहे हैं पंच महापुरुष राजयोगों में से एक भद्र नामक महापुरुष राजयोग की।

कैसे बनता है ये राजयोग -     
 
जब बुध स्वराशि, उच्च राशि अथवा मूलत्रिकोण राशि (मिथुन तथा कन्या राशि ) में आकर यदि केन्द्र(1,4,7,10 भाव) में स्थित हो तो यह पंच महापुरुष राजयोग बनता है।
यदि आप बुध की स्वराशि, उच्चराशि एवं मूलत्रिकोण राशि के बारे में जानने के लिए देखें 
https://arastrology.blogspot.com/2018/05/5.html?m=1
https://arastrology.blogspot.com/2018/05/7.html?m=1
https://arastrology.blogspot.com/2018/04/blog-post_27.html?m=1


उदाहरण के लिए एक कुंडली नीचे है जिसमें बुध को केन्द्र में तथा स्वराशियों में दिखाया गया है। यदि आपके ऐसी स्थिति है तो आपके बुध का भद्रयोग घटित हो रहा है।










यदि आपकी कुंडली में यह राजयोग है तो आप एक सफल बिजनेसमैन बन सकते हैं।

आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा।  

धन्यवाद।

शरीर के तिल से जाने अपने बारे में

शरीर के तिल से जाने अपने बारे में - 1. यदि चेहरे के दाहिने भाग में काला अथवा लाल तिल हो तो व्यक्ति सम्पन्नता और समृद्धि से परिपू...